* *हिंदी गीत-1* *
* * (ऐ मालिक तेरे बन्दे हम)* *
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम, ऐसे हो हमारे करम।
नेकी पर चले, और बदी से टले, ताकि हँसते हुए निकले दम्॥
ऐ मालिक….
ये अंधेरा घना छा रहा, तेरा इंसान घबरा रहा। हो रहा
बेखबर, कुछ ना आता नजर, सुख का सूरज छिपा जा रहा।
है तेरी रौशनी में जो दम, तू अमावस को कर दे पूनम।
नेकी पर चले, और बदी से टलें, ताकि हँसते हुए निकले दम् ॥
ऐ मालिक …….
जब जुल्मो का हो सामना, तब तू ही हमें थामना।
वो बुराई करे, हम भलाई करें, नहीं बदले की हो कामना।
बढ़उठे प्यार का हर कदम, और मिटे बैर का यह भरम् ।
नेकी पर चले, और बदी से टलें, ताकि हँसते हुए निकले दम्॥
ऐ मालिक ……
बंड़ा कमजोर है आदमी अभी लाखों है इसमें कमी।
पर तू जो खड़ा है दयालु बड़ा तेरी कृपा से धरती थमी।।
दिया तूने हमें जब जनम तू ही झेलेगा हम सब के गम।
नेकी पर चले, और बदी से टलें, ताकि हँसते हुए निकले दम् ॥
ऐ मालिक …….
* * हिंदी गीत- 2* *
मंगलमय है वह स्थल और वह गृह और वह स्थान
वह नगर और वह हृदय वह पर्वत और वह आश्रय
वह गुफा वह उपत्यका वह धरती और वह सागर
द्वीप और उपवन जहा उस परमेश्वर का उल्लेख
हुआ है। और उसके यश की महिमा गायी गई है।
अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलो।
* * हमको मन की शक्ति देना) * *
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना।
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमजोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हो ना
दूर अज्ञान के अँधेरे
तू हमें ज्ञान की रोशनी दे
हर बुराई से बच के रहे हम
जितनी भी दे भली ज़िन्दगी दे
बैर होना किसी का किसी से
भावना मन मे बदले की हो ना
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मनका विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे, हमसे भूलकर भी भी कोंई भूल हो न
हम न सोंचे हमें क्या मिला है
हम ये सोंचे क्या किया है अर्पण
जीवन लम्बा होने की बजाये महान होना चाहिए|